Bank Cheque Rule:आज डिजिटल लेन-देन का जमाना है, फिर भी बैंक चेक का उपयोग बड़े लेन-देन, सरकारी काम, व्यापार और पारिवारिक मामलों में आज भी बड़े पैमाने पर होता है। हालांकि बहुत से लोग चेक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसके नियमों की पूरी जानकारी नहीं रखते। खासकर चेक के पीछे साइन करना कब जरूरी है और कब नहीं – यह जानना बेहद जरूरी है। एक छोटी सी गलती आपके चेक को रिटर्न करवा सकती है या फिर फ्रॉड का कारण बन सकती है। आइए आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं।
चेक के प्रकार और उनके नियम
चेक के नियम इस बात पर निर्भर करते हैं कि वह किस प्रकार का है। आम तौर पर चेक तीन प्रकार के होते हैं:
1. बियरर चेक (Bearer Cheque)
इस प्रकार के चेक पर “Pay to Bearer” लिखा होता है या केवल प्राप्तकर्ता का नाम होता है।
जिस व्यक्ति के पास चेक है, वही बैंक से पैसा निकाल सकता है।
इस चेक के पीछे साइन करना जरूरी होता है, ताकि बैंक को यह सुनिश्चित हो सके कि चेक सही व्यक्ति को दिया गया है।
अगर चेक चोरी हो जाए और उस पर साइन न हो, तो बैंक पेमेंट रोक सकता है।
2. ऑर्डर चेक (Order Cheque)
इसमें किसी विशेष व्यक्ति का नाम लिखा होता है और पैसा केवल उसी व्यक्ति को मिलता है।
इसके पीछे साइन करना जरूरी नहीं होता।
अगर इसे किसी और को ट्रांसफर करना हो, तो proper authorization देना जरूरी होता है।
3. अकाउंट पेयी चेक (Account Payee Cheque)
इस पर “A/C Payee Only” लिखा होता है और यह केवल संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में जमा होता है।
यह सबसे सुरक्षित चेक माना जाता है।
इस पर चेक के पीछे साइन करने की जरूरत नहीं होती क्योंकि नकद भुगतान संभव नहीं है।
बैंक चेक के पीछे साइन क्यों करवाता है?
बैंक इसलिए साइन करवाता है ताकि वह सुनिश्चित कर सके कि भुगतान सही व्यक्ति को किया जा रहा है।
जब राशि बड़ी हो या
कोई तीसरा व्यक्ति चेक लेकर बैंक जाए
तो बैंक को पहचान सत्यापन (ID Proof) और चेक के पीछे साइन की जरूरत होती है। इससे धोखाधड़ी से बचाव होता है।
₹50,000 से अधिक की राशि होने पर क्या करें?
अगर चेक की राशि ₹50,000 से अधिक है, तो कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें:
बियरर चेक है तो चेक के पीछे साइन जरूरी हो जाता है।
बैंक आपसे ID और Address Proof भी मांग सकता है।
अगर कोई और व्यक्ति चेक जमा करने जा रहा है, तो उसकी पहचान से संबंधित दस्तावेज भी देना जरूरी होता है।
कुछ जरूरी सावधानियां
चेक से जुड़ी सुरक्षा के लिए नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें:
कभी भी खाली चेक पर साइन न करें।
बड़ी रकम के लिए Account Payee Cheque ही दें।
चेक पर तारीख, राशि और नाम साफ-साफ और बिना काट-छांट के भरें।
चेक देते समय रसीद जरूर लें।
मेकिंग गलती से बचने के लिए हमेशा एक ड्राफ्ट बनाकर चेक भरें।
अक्सर की जाने वाली गलतियां
लोग कई बार कुछ सामान्य लेकिन गंभीर गलतियां कर बैठते हैं, जैसे:
बिना जानकारी के बियरर चेक किसी को दे देना।
आवश्यकता न होने पर भी चेक के पीछे साइन कर देना।
साइन के बाद खाली जगह छोड़ देना, जिससे उसमें छेड़छाड़ हो सके।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चेक देना या लेना।
सुरक्षित बैंकिंग के लिए सही जानकारी जरूरी
चेक से संबंधित नियमों की सही जानकारी होने पर:
आप फ्रॉड से बच सकते हैं।
आपका चेक रिटर्न नहीं होगा।
आप अपने पैसे को पूरी तरह सुरक्षित रख सकते हैं।
इसलिए अगली बार जब भी आप चेक दें या किसी से लें, तो ऊपर बताए गए नियमों का पालन करें और सुरक्षित लेन-देन का अनुभव करें।
भले ही डिजिटल पेमेंट्स बढ़ गए हों, लेकिन बैंक चेक आज भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। खासकर बड़ी रकम के लेन-देन में इसकी भूमिका अहम है। यदि आप चेक के पीछे साइन से जुड़ी जरूरी बातों को ध्यान में रखते हैं, तो न सिर्फ आप वित्तीय नुकसान से बचेंगे, बल्कि अपने लेन-देन को पूरी तरह सुरक्षित भी बना पाएंगे।