Construction Ban Near Highway:अगर आप हाईवे के किनारे घर बनाने की योजना बना रहे हैं, तो अब आपको सावधान हो जाना चाहिए। सरकार ने राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के किनारे निर्माण कार्य पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह आदेश उन सभी लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जिनके पास हाईवे के आस-पास ज़मीन है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह नया नियम क्या है, क्यों लागू किया गया है और इसका आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा।
क्यों लगाया गया है हाईवे किनारे निर्माण पर बैन?
सरकार ने यह फैसला देश में चल रही हाईवे विस्तार और विकास परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया है। जब भी राजमार्गों का चौड़ीकरण या मरम्मत का काम होता है, तो जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) की जरूरत पड़ती है। अगर पहले से हाईवे के आसपास मकान या दुकानें बनी हों, तो अधिग्रहण में मुश्किलें आती हैं।
इसलिए सरकार चाहती है कि पहले से ही ऐसी रोक लगाकर भविष्य की जटिलताओं से बचा जा सके और समय व पैसा दोनों की बचत हो।
किन इलाकों में लागू होगा यह आदेश?
यह आदेश उन इलाकों, गांवों और कस्बों में लागू होगा जहां नए हाईवे, एक्सप्रेसवे या बाईपास प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है या जल्द ही शुरू होने वाला है।
इन जगहों पर जमीन की रजिस्ट्री, नामांतरण (Mutation), बंटवारा और निर्माण पर भी फिलहाल अस्थायी रोक लगा दी गई है।
सरकार की अधिसूचना भी जारी
सरकार ने इस फैसले को लेकर आधिकारिक अधिसूचना (Notification) भी जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि जब तक अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक यह अस्थायी रोक जारी रहेगी।
इसके तहत ज़मीन मालिकों को हिदायत दी गई है कि वे हाईवे के किनारे किसी भी तरह का निर्माण कार्य शुरू न करें।
क्या है नया नियम और दूरी की सीमा?
सरकार ने इस रोक को लागू करने के लिए कुछ खास गाइडलाइंस भी तैयार की हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) के लिए निम्नलिखित नियम निर्धारित किए गए हैं:
सड़क की मध्य रेखा (Center Line) से 75 फीट की दूरी तक किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध माना जाएगा।
इस दायरे में आने वाले निर्माण कार्यों पर सीधे रोक लगा दी गई है।
क्यों जरूरी था यह फैसला?
अवैध निर्माण की वजह से हाईवे निर्माण और चौड़ीकरण परियोजनाओं में देरी होती है।
सरकार को भूमि अधिग्रहण के लिए अधिक पैसे और समय खर्च करना पड़ता है।
इससे सरकारी योजनाओं पर असर पड़ता है और आम लोगों को ट्रैफिक व दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है।
आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
हाईवे के किनारे ज़मीन खरीदकर घर, दुकान या गोदाम बनाने की योजना बनाने वालों को अब निर्माण की अनुमति नहीं मिलेगी।
ज़मीन की कीमतों पर असर पड़ सकता है क्योंकि निर्माण न होने से उपयोगिता घटेगी।
जिन लोगों ने पहले से निर्माण कर लिया है, उन्हें अधिग्रहण प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।
हाईवे किनारे निर्माण पर सरकार की रोक एक दूरदर्शी कदम है जो भविष्य में विकास कार्यों को सुचारू रूप से पूरा करने में मदद करेगा। हालांकि यह निर्णय कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा के लिए जरूरी है।
अगर आपके पास हाईवे के किनारे जमीन है या आप वहां कोई प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो सरकारी अधिसूचनाएं जरूर पढ़ें और निर्माण से पहले अनुमति लें। ऐसा न करने पर नुकसान हो सकता है।