Property Rights:भारत में अचल संपत्ति (Property) हर व्यक्ति की सबसे कीमती पूंजी होती है। लेकिन यदि आपने अपनी जमीन या मकान पर सालों से ध्यान नहीं दिया है, तो यह आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिससे हर संपत्ति मालिक को सतर्क हो जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का चौंकाने वाला फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2024-25 में अपने एक अहम निर्णय में कहा है कि यदि कोई व्यक्ति आपकी संपत्ति पर लगातार 12 वर्षों तक बिना किसी विरोध के कब्जा बनाए रखता है, और इस दौरान आपने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की, तो वह व्यक्ति उस संपत्ति का वैध मालिक बन सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि संपत्ति मालिक की “मौनता” यानी चुप्पी को सहमति माना जा सकता है।
क्या है प्रतिकूल कब्जा कानून? (Adverse Possession)
भारतीय परिसीमा अधिनियम, 1963 की धारा 65 के तहत ‘प्रतिकूल कब्जा’ (Adverse Possession) का सिद्धांत आता है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति किसी निजी संपत्ति पर लगातार 12 वर्षों तक मालिक की अनुमति के बिना कब्जा करता है और वास्तविक मालिक उस पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं करता, तो वह व्यक्ति उस जमीन का मालिक बनने का दावा कर सकता है।
⚠️ यह नियम केवल निजी संपत्तियों पर लागू होता है, सरकारी जमीनों पर नहीं।
कब्जे का दावा करने के लिए क्या जरूरी है?
केवल मौखिक रूप से दावा करना पर्याप्त नहीं है। कोर्ट में कब्जा सिद्ध करने के लिए इन दस्तावेज़ों की जरूरत होती है:
बिजली और पानी के बिल – कब्जाधारी के नाम पर
संपत्ति कर की रसीदें
कोई लिखित अनुमति न होने का प्रमाण
स्थानीय गवाहों की पुष्टि
क्षेत्रीय अधिकारियों से संबंधित कागजात
किन-किन संपत्तियों पर लागू नहीं होता यह नियम?
यह नियम केवल निजी संपत्तियों पर लागू होता है। सरकारी, पंचायत, या सार्वजनिक उपयोग की जमीनों पर इस कानून का कोई प्रभाव नहीं होता। कोई भी व्यक्ति चाहे जितने भी साल वहां रहे, सरकारी संपत्ति का मालिक नहीं बन सकता।
आपकी संपत्ति को कब्जे से कैसे बचाएं?
अब जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्पष्ट है, तो आपको अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए ये सावधानियां जरूर अपनानी चाहिए:
1. किराया समझौता (Rent Agreement):
यदि आपने कोई संपत्ति किराए पर दी है, तो हर 11 महीने पर एक नया रेंट एग्रीमेंट बनवाएं। यह आपको भविष्य में कब्जे के झगड़े से बचाएगा।
2. नियमित निरीक्षण करें:
अपनी जमीन या मकान की नियमित जांच करें, भले ही वह खाली पड़ी हो। कोई अनजान व्यक्ति कब्जा कर सकता है।
3. लिखित सहमति लें:
अगर किसी रिश्तेदार या जान-पहचान वाले को रहने की अनुमति दी है, तो उससे एक अस्थायी निवास का लिखित समझौता अवश्य लें।
4. संपत्ति कर समय पर चुकाएं:
प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान समय पर करें और उसकी रसीदें संभालकर रखें। यह आपके मालिकाना हक का मजबूत प्रमाण होता है।
क्यों यह फैसला सभी के लिए गंभीर है?
कई लोग सोचते हैं कि अगर ज़मीन उनके नाम पर है तो कोई दूसरा व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि 12 साल तक यदि आपने कोई कार्रवाई नहीं की, तो आपकी चुप्पी को कब्जाधारी के पक्ष में माना जाएगा।
आपकी लापरवाही किसी और को आपकी जमीन का मालिक बना सकती है।
सतर्कता ही सुरक्षा है
यदि आपके पास कोई भी अचल संपत्ति है, तो उस पर नजर बनाए रखें। चाहे वह गांव में हो, शहर में हो या खाली पड़ी हो – कोई भी उस पर अवैध कब्जा कर सकता है और कानून के अनुसार मालिक भी बन सकता है।
✅ समय पर कानूनी दस्तावेज बनवाएं
✅ नियमित दौरा करें
✅ कानूनी सलाह लें अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे
संपत्ति जीवनभर की मेहनत का परिणाम होती है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने यह साफ कर दिया है कि लापरवाही अब खतरनाक हो सकती है। सतर्क रहें, दस्तावेजों को अपडेट रखें, और समय-समय पर अपनी संपत्ति की स्थिति की जांच जरूर करें।